महासमुन्द

सपनों की दुनिया और अपनों का प्यार गालों पे गुलाल और पानी की बौछार सुख समृद्धि और सफलता का हार मुबारक हो आपको रंगो का त्योहार महासमुन्द विधानसभा वासियों व देशवासियों को होलिका दहन व होली की ढेर सारी शुभकामनाए : किसान नेता अशवंत तुषार साहू

महासमुंद (छत्तीसगढ़)//हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन के अगले दिन रंग वाली होली खेलते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर होली की बधाई देते हैं। इस दिन को देश कुछ हिस्सों में धुलेंदी, धुरखेल, धूलिवंदन और चैत बदी आदि नामों से जाना जाता है। मान्यता है कि प्राचीन समय में इस दिन लोग एक-दूसरे को धूल या मुल्तानी मिट्टी लगाते थे, इसलिए इसे धुलेंदी कहा जाता है।

गांव में प्रात:7 बजे से शुरू हुआ राग फाग की मस्ती का आलम देर सायं तक चलता रहता है। गांव के होली गायन स्थल पर बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने होलियों का जमकर लुत्फ उठाया होली राग, रंग एवं उमंग का त्यौहार है। इस दौरान में सभी एक दूसरे से गले मिलते हुए अपनी पुरानी दुश्मनी तक को भुला जाते हैं। लेकिन मौजूदा समय में पारंपरिक होली की जगह भद्दी होली का प्रचलन बढ़ जाने से होली का मजा किरकिरा होता जा रहा है और लोग घरों में ही रहना पसंद करने लगे हैं। इसलिए हम सभी को अपनी पुरानी परंपरा का ख्याल रखते हुए पारंपरिक होली मनाना है। सभी जाति धर्म के लोगों से गले मिलना है। होली क्यों मनती है। इसके बारे में बच्चों को जानकारियां देनी होगी।

इस दौरान तुषार ने सभी महासमुन्द विधानसभा क्षेत्र वासियों को रंगो का प्यार भरा होलिका दहन व होली की शुभकामनाएं दीं।

JIVAN DAS

भारत अंचल के फाउंडर और ओनर है।संपर्क मो.न.-7354223749

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