महासमुन्द

कबीर जब हम पैदा हुए, जग हंसे हम रोये। ऐसी करनी कर चलें, हम हंसे जग रोये : किसान नेता अशवंत तुषार साहू

महासमुंद (छत्तीसगढ़)//जीवन के मूल को संत कबीर की पक्तियों के द्वारा समझाते हुए संत गुरुमाता ज्ञानानंद जी ने भोरिंग में चल रहे अखिल भारतीय 2 दिवसीय कबीर विचार सत्संग समारोह के दूसरे दिन किसान नेता अशवंत तुषार साहू शामिल होकर कबीर साहेब का चैल चित्र पर दीप प्रज्वलित कर आशीर्वाद प्राप्त कर क्षेत्र के सुख समृद्धि कामना किया।तुषार साहू ने अपने उद्बोधन में कहा
कबीर जब हम पैदा हुए, जग हंसे हम रोये। ऐसी करनी कर चलें, हम हंसे जग रोये.। अर्थात जन्म लेने वाला रोता है पर जिनके घर में जन्म होता है वे लोग खुशियां मनाते हैंसंत गुरुमाता ज्ञानानंद इस दौरान श्रोताओं की तारीफ करते हुए बताया कि इस वर्ष वे अधिक कार्यक्रम कर चुकी हैं पर उनकी दृष्टि में भोरिंग का कार्यक्रम सबसे अव्वल रहा है।इससे पहले संत्संग समारोह के दूसरे दिन सुबह से ही श्रोताओं की भारी भीड़ आदि प्रबुद्ध संतों ने जीवन के अलग-अलग विषयों पर अपने विचार रखते हुए अपनी वाणी से मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस दौरान तुलसीदास साहू, झाड़ू राम साहू ,चेतन साहू, ढुरु राम साहू, सुरेश साहू, रमेश साहू ,मदन साहू कमल साहू, जितेन साहू , संजय साहू, मित्र अधिक संख्या में मातृशक्ति व श्रोताओं उपस्थित रहे |

JIVAN DAS

भारत अंचल के फाउंडर और ओनर है।संपर्क मो.न.-7354223749

Related Articles

मौसम
BALODA BAZAR Bhantapara
Back to top button